रहस्यमाई चश्मा भाग - 4
आखिर रात के एक बजे लौटन बड़बडाता नशे में धुत्त चले जा रहा था लोटन को रास्ता नहीं दिख रहा था तो शुभा कैसे दिखती मगर लौटन को मोहल्ले के कुकुरों ने दौड़ाया लिया लौटन आव न देखा ताव सीधे शुभा की झोपड़ी की तरफ भागा चुकी शुभा अपनी झोपड़ी के दरवाजे ही खड़ी थी अतः लौटन शुभा से एकाएक टकरा गया कुकुर लौटन को कुछ दूर दौड़ने के बाद लौट गए लौटन के जान में जान आई वह एकाएक शुभा से पूछ बैठा माई इतनी रात के काहे जागल हाउ का बात है शुभा ने जल्दी जल्दी बताया जैसे लौटन शराबी के रूप में भगवान् मिल गया हो बोली लौटन सुबह सुयस साक्षात्कार देने सुबह गया अब तक नहीं लौटा वही क इंतज़ार करत हइ इतनी रतिया के रेलगाड़ी बस सवारी बा की उ आई लोटन ने कहा माई हम त् सुयस क सुबह सुरहु पहलवान की बैलगाड़ी से रेलवे स्टेशन जात देखे रहे इतना सुनते ही शुभा ने कहा ठीक है हम सुरहू पहलवान के घर की और दौड़ पड़ी और बोली लोटन जा घरे मुनरी तोहार इंतज़ार करत होई लोटन बोला अच्छा माई हम जात हई सुयस बबुआ के कौनो खबर मिले तुरंते हम बतईबे शुभा दौड़ते दौड़ते सुरहू पहलवान के घरे पहुंची और जोर जोर से दरवाजा पीटने लगी काफी देर दरवाजा पीटने के बाद सुरहू पहलवान की नीद खुली उसने अपनी मेहरारी से कहा देख सुगनी इतनी रतिया के के दरवाज़ा पीटत बा सुगनी बोली तू ही जा देख के ह केहू चोर चाई होई त हम का करब सूरह भरी रात नीद टुटले की गुस्सा में बोला बुजरी क कौनो बात कह बहना बनावत देरी ना लगत ठीक है हमहि जात हई मुँह लुकआउ ते कमरा में सूरह गया और दरवाज़ा खोला ओके गुस्सा त कपारे ला चढ़ी रही भर आँखिन नीद उठे क पड़ा रहा बोला का आफत पड़ गई की इतनी रात के दरवाज़ा अईसे पीटत हउ शुभा माई जइसे बड़ा कौनो अशुभ हो गईल है!
वे शुभा बोली बाबू सुयस बेटवा सुबह निकाला होय ई कहिके की साँझा तक कौनो कीमत पर लौटे क कही के गवा रहा राति के दुइ बजे तक न लौटा होय ओके घरे अशुभ के ही लक्षण है लौटन कहत रहल की सुयस तोहरे संग तोहरे बैल गाड़ी से गवा रहा ओके कहाँ छोड़े सुरहू को लगा की सुयस को बैलगाड़ी पर बैठाकर उसने क़ोई गलती कर दी उसने कहा माई सुयस कहत रहेन की उनका नौकरी वदे शहर जाए का है झनझार पुर क पसेंनजर रेलगाड़ी पकडे का है सो हम सोचा की सुयस नौकरी बदे जात हैं नेक काम में हमहू कुछ सहयोग कर् देई सो हम बैल गाड़ी पर बैठाईके रेलवे स्टेशन छोड़ दिया!
हमहू से कहेन सुयस की साँझा तक लौट आयब।।माई वोकरे बाद हमे कौनो जानकारी नाही बा शुभा बोली बेटा माफ़ी चाहि इतनी रात गए नीद में खलर डाला सुयस जिस सुबह गया था उसके एक दिन शाम से कुछ नहीं खाया था क्योकि घर में कुछ खाने को था ही नहीं और बेटा नौकरी के साक्षात्कार के लिये जाने की ख़ुशी में भूख नहीं लग रही थी अब बेटे की विछोह में भूख नहीं थी वह निराश हतास अपनी झोपडी लौट आईं और सुबह का इंतज़ार करने लगी ।
रणदीप के अस्पताल में सुयस की चिकित्सा की जिम्मेदारी स्वयम् डॉ रणदीप ने ही संभाली और चिकित्सा प्रारम्भ किया लेकिन काफी रक्तस्राव के कारण हालात और हालत काफी नाजुक थे फिर भी हिम्मत धैर्य और सूझ बुझ से डा रणदीप ने अपना कार्य प्रारम्भ किया चूँकि सुयस को तत्काल खून की जरुरत थी अतः मंगलम चौधरी के आदेशानुसार उनके सभी कारिंदो स्वामी भक्तों के खून का मिलान सुयस के खून से किया गया परन्तु किसी का खून सुयस से नहीं मिला डा रणदीप ने चौधरी अंकल को बताया की सुयस के खून से किसी का खून नहीं मिल।रहा है!
तब मंगलम चौधरी ने कहा बेटे रणदीप आप मेरे खून का मिलान सुयस के खून से करो लगता है मेरा इसका पूर्व जन्म का कोई सम्बन्ध है मेरा खून इससे अवश्य मिल जाएगा ।
रणदीप ने जल्दी जल्दी चौधरी अंकल का खून सेम्पल लिया जांच के लिये लेबोरेटरी भेजा बोला अंकल कल तक रिपोर्ट आ जायेगी ।चौधरी साहब कुछ देर सुयस के पास बैठने के बाद घर चले गए धीरे धीरे शाम ढलने लगी चौधरी साहब के ललाट चिन्ता की लकीरे और बेचैनी बढ़ने लगी ज्यो ज्यो रात की परछाई बढ़ने लगी चौधरी साहब की बैचेनी बढ़ने लगी लोगों के लाख मिन्नत करने के बाद भी कुछ नहीं खाया दिमाग दिल दोनों की शान्ति का प्रयास करते करते सो गए!
सुबह आठ बज चुके थे चौधरी साहब नहीं उठे तब उनके कारिंदों को लगा क्या बात है चौधरी साहब रोज सुबह पांच बजे उठ जाते थे आज क्या बात है सुखीया चौधरी साहब को जगाने गया और पैर के पास खड़ा हो आवाज देने लगा मालिक उठिए काफी देर हो चुका है आठ बज गए है एकाएक सुखिया की आवाज सुन चौधरी साहब जागे और बोले आज उठने में देर हो गयी!
सुखिया ने पूछा साहब कौनो ख़ास बात है काई बार जब से आये हो पहले वाली बात नहीं दिख रही है ap उस ससुरा घायल का उठाई लाये हो उ और परेशान किये बा देखत ह्ई मालिक ना खात ह न पियत ह पता नाही कौन अनेर में खोई गवा है!
नन्दलाल मणि त्रिपाठी
kashish
09-Sep-2023 07:40 AM
Amazing part
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KALPANA SINHA
05-Sep-2023 11:58 AM
Beautiful
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